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Today we are going to tell you संविधान निर्माण समिति स्थापना so friends read and share it if you like संविधान निर्माण समिति की स्थापना …..
संविधान निर्माण समिति की स्थापना
( PART -4)
संविधान के स्रोत & राज्यों की स्थापना
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1963 में नागा वासियों के लिए असम को विभाजित कर नागालैंड पृथक राज्य बनाया गया।
ऐसे ही 1966 में पंजाब से पृथक करके हिंदी भाषियों हेतु हरियाणा और पंजाबियों के लिए पंजाब राज्य का निर्माण किया गया ।और इन दोनों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ को बनाया गया।
इसके बाद 1971 में हिमाचल प्रदेश का निर्माण किया गया।
1972 में त्रिपुरा, मेघालय और मणिपुर का निर्माण किया गया।
1975 में सिक्किम का 1987 में गोवा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश का निर्माण किया गया
सन 2000 में गोवा , छत्तीसगढ़ और झारखंड का निर्माण किया गया।
2 जून 2014 को आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगना एक नए राज्य का निर्माण किया गया ।
2019 में जम्मू कश्मीर और लद्दाख को अलग अलग कर दो केंद्र शासित प्रदेशों का निर्माण किया गया और वहां से धारा 370 हटा दी गई जो कि 1954 में जोड़ी गई थी।
वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश भारतीय संघ में शामिल है ।
संविधान निर्माण समिति की स्थापना
संविधान निर्माण समिति की स्थापना:-
1946 में लॉर्ड पैथिक लाइंस की अध्यक्षता में कैबिनेट मिशन भारत आया जिस की अनुशंसा पर सर्वप्रथम भारत में संविधान निर्माण समिति का गठन किया गया इस संविधान निर्माण समिति में कुल 389 सदस्य थे जिसमें से 292 सदस्य ब्रिटिश प्रांतों से चार सदस्य कमिश्नरी क्षेत्रों से बाकी बचे 93 सदस्य देसी रियासतों (सिंधिया ,होलकर, गायकवाड भोंसले पटियाला) इत्यादि रियासतों से लिए गए। 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक आयोजित की गई जिसमें सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष चुना गया।
11 दिसंबर 1946 को इसकी दूसरी बैठक आयोजित की गई जिसमें राजेंद्र प्रसाद को स्थाई अध्यक्ष बना दिया गया।
13 दिसंबर 1946 को एक पुणे बैठक आयोजित की गई जिसमें जवाहरलाल नेहरू द्वारा संविधान के उद्देश्य का प्रस्ताव सदन में रखवाया गया जोकि 22 जुलाई 1947 को पास हो गया।
( उद्देश्य प्रस्ताव का मुख्य लक्ष्य संविधान की लोकतांत्रिक सामाजिक आर्थिक राजनीतिक और जन आकांक्षाओं से युक्त एक सार्वभौमिक संविधान का निर्माण करना था)
संविधान निर्माण हेतु कुल 22 समितियों का गठन किया गया।
1. संचालन समिति राज्य वार्ता समिति :- अध्यक्ष – राजेंद्र प्रसाद ।
२. कार्य संचालन समिति:- अध्यक्ष – के एम मुंशी।
३. संघीय संविधान समिति विदेशी मामलों की समिति:- अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू।
४ अल्पसंख्यक मामला प्लस अनुसूचित जाति जनजाति प्रांतीय मामलो समितियों का अध्यक्ष: – सरदार बल्लभ भाई पटेल।
५ संविधान सभा का उपाध्यक्ष:- एचसी मुखर्जी (प्रथम मनोनीत अध्यक्ष फ्रैंक एंथोनी)
६ संविधान सभा का संविधान सलाहकार बीएन राव।
७ झंडा समिति का अध्यक्ष:- जे बी कृपलानी।
इसी संविधान सभा को अस्थाई सरकार चुना गया जिसके मंत्री इस प्रकार थे –
प्रधानमंत्री प्लस विदेशी मामलों के मंत्री – पंडित जवाहरलाल नेहरू।
ग्रह और सूचना प्रसारण मंत्री – सरदार बल्लभ भाई पटेल।
खाद्य और कृषि मंत्री – डॉ राजेंद्र प्रसाद।
वित्त मंत्री – लियाकत अली खान।
स्वास्थ्य मंत्री – गजानतर अली खान।
विधि मंत्री – योगेंद्र नाथ मंडल विधि मंत्री।
संचार मंत्री – अब्दुल रब नश्तर संचार मंत्री।
विधि मंत्री – आई आई चुनदरीकर विधि मंत्री।
भारतीय संविधान एकात्मक है या संघात्मक इसे लेकर विद्वानों मैं बड़ा मतभेद है।
संघात्मक विशेषताएं (संविधान):- १. लिखित संविधान और संविधान की सर्वोच्चता ।
२. द्वैध शासन व्यवस्था (केंद्र व राज्य में अपनी अलग अलग संसाधन सरकार )।
३. संसद में राज्यसभा की उपस्थिति ।
४. संविधान संशोधन प्रक्रिया ( अनुच्छेद 368). ।
५. एकीकृत न्यायपालिका ।
एकात्मक संविधान:- १. एकल नागरिकता।
२. संसद में राज्यसभा का अस्तित्व जनसंख्या के आधार पर।
३. राज्य में राज्यपाल की नियुक्ति अनुच्छेद 155 ।
४. संविधान संशोधन जिसमें केंद्र को अधिक अधिकार प्राप्त है।
५. आपातकालीन व्यवस्था है (अनुच्छेद 352 356 360). ।
६. योजना आयोग (वर्तमान नीति आयोग) ।
७. प्रधान मंत्री का व्यक्तित्व , PMO ।
८ वित्तीय व्यवस्था (अनुच्छेद 246 282,292) ।
भारतीय संविधान मैं एकात्मक और संघात्मक दोनों विशेषताएं विद्यमान है इसीलिए पायली ने इसे अर्ध संघात्मक संविधान कहां है।
भारतीय संविधान की व्याख्या:- भाग – एक अनुच्छेद 1 से 4 तक
भारतीय संविधान की व्याख्या के अनुच्छेद जो आर्टिकल है वह आप हमारे अगली पोस्ट में पढ़ें । दोस्तों आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो आगे भी और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ज्यादा से ज्यादा और अपडेट रहने के लिए इसको कंटिन्यू करें ।
संविधान निर्माण समिति की स्थापना