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Today we are going to tell you मौलिक अधिकार & अनुच्छेद 52 से 61 so friend read and share it if you like मौलिक अधिकार & अनुच्छेद 52 से 61
मौलिक अधिकार
मौलिक अधिकारों में संशोधन किया जा सकता है या नहीं:-
मौलिक अधिकारों में संशोधन किया जा सकता है या नहीं इसमें बड़ा मतभेद है शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ 1961 सज्जन सिंह बनाम राजस्थान सरकार 1964 के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा था कि संसद यदि चाये किसी भी मौलिक अधिकार में संशोधन कर सकती है।
गोपालन बनाम पंजाब राज्य में सुप्रीम कोर्ट ने संसद के संशोधन करने की शक्ति को समाप्त कर दिया।
तत्पश्चात संसद ने 1971 में 24 वा संविधान संशोधन करके कहा कि –
१. संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है।
२. संसद द्वारा किया गया परिवर्तन संविधान संशोधन नहीं माना जाएगा।
३. राष्ट्रपति को इस प्रकार के किए गए परिवर्तन पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा केसवानंद भारती बनाम केरल राज्य 1973 के मामले में यह प्रावधान कर दिया 5.6 के मत से यह प्रावधान कर दिया कि संसद आधारभूत ढांचे को छोड़कर संविधान के किसी भी भाग में परिवर्तन कर सकती है बस यही से आधार भूत ढांचा शब्द अस्तित्व में आ गया ।
आधारभूत ढांचा:-
केंद्र की कार्यपालिका :-
अनुच्छेद 52 :- भारत का 1 राष्ट्रपति होगा।
अनुच्छेद 53 :- संघ की समस्त कार्यपालिका शक्तियां राष्ट्रपति में निहित होंगी।
अनुच्छेद 54 :- राष्ट्रपति का निर्वाचन एक ऐसे निर्वाचन मंडल के माध्यम से किया जाएगा जिसमें –
१. संघ के दोनों सदनों (लोकसभा व राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य भाग लेंगे।
२. देश के सभी विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेंगे।
३. दिल्ली पांडिचेरी की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य भाग लेंगे।
अनुच्छेद 55:- राष्ट्रपति की निर्वाचन पद्धति का नाम आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत पद्धति होगा।
अनुच्छेद 56:- राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष होगा लेकिन इससे पहले वहां उपराष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र सौंप सकता है।
अनुच्छेद 57:- राष्ट्रपति पुनः निर्वाचन का पात्र होगा।
अनुच्छेद 58:- राष्ट्रपति बनने के लिए 35 वर्ष की न्यूनतम आयु मतदाता सूची में नाम और संसद निर्धारित अन्य योग्यताएं होना चाहिए।
अनुच्छेद 59:- राष्ट्रपति सांसद या विधायक नहीं होता वह लाभ का कोई पद धारण नहीं कर सकता उसके वेतन भत्ते भारत की संचित निधि पर स्थापित होते हैं।
अनुच्छेद 60 :- राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है।
अनुच्छेद 61 :- महाभियोग प्रक्रिया:- यदि राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के दौरान संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया है तो राष्ट्रपति पर पदच्युत करने के लिए महाभियोग प्रक्रिया का पालन किया जाता है इसके अंतर्गत-
१. राष्ट्रपति को 14 दिन की पूर्व सूचना देकर वन फोर्थ सदस्यों के हस्ताक्षर से महाभियोग प्रस्ताव संसद के किसी भी एक सदन में लाया जाता है।
२. यह प्रस्ताव को सदन में दो तिहाई बहुमत से पास होना चाहिए उसके बाद यह प्रस्ताव दूसरे सदन में जाता है।
3 दूसरी सदन में इस प्रस्ताव पर बहस होने के दौरान राष्ट्रपति अपना मत रख सकता है यदि यह प्रस्ताव दूसरे सदन से भी दो तिहाई से पास हो जाता है तो राष्ट्रपति को पद मुक्त मान लिया जाता है।
नोट :- अभी तक किसी भी राष्ट्रपति के विरुद्ध ऐसा प्रस्ताव नहीं लाया गया।
*राष्ट्रपति कि यदि मृत्यु हो जाती है तो उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति की तरह काम करता है मृत्यु होने की दशा में नए राष्ट्रपति के चुनाव हेतु 6 माह के अंदर चुनाव करवाना आवश्यक है।
* राष्ट्रपति के निर्वाचन हेतु 50 प्रस्तावक व 50 समर्थक सदस्य ₹15000 की जमानत राशि आवश्यक है।
* राष्ट्रपति की निर्वाचन पद्धति मैं भाग लेने वाले प्रत्येक सांसद व विधायक के मत का मूल्य निर्धारित किया जाता है।
१. विधायक के मत का मूल्य= विधानमंडल के निर्वाचित सदस्य / राज्य की कुल जनसंख्या *१०००
२. सांसद के मत का मूल्य=संसद के निर्वाचित सांसदों की संख्या/देश के कुल निर्वाचित विधायकों के मतों का मूल्य
नोट:- इसके बाद चकरा अनुसार मतगणना की जाति सर्वाधिक मत प्राप्त प्रत्याशी विजय घोषित कर दिया जाता है।
नोट:- 1969 में वीवी गिरी को द्वितीय चक्र की मतगणना के अनुसार विजय मत प्राप्त हुए थे।
मौलिक अधिकार & अनुच्छेद 52 से 61