भारत का संविधान

दोस्तों आज हम आपको संविधान के बारे में जानकारी दे रहे हैं इसमें आप जानेंगे कि संविधान क्या है किसे कहते हैं यह कैसे बनता है इसमें कितने आर्टिकल ,अनुच्छेद, सूची आदि है

संविधान किसे कहते हैं।

हरवर्ड साइमन के अनुसार- 

संविधान ऐसे नियमों का समूह है जिससे शासन या सरकार को संचालित किया जाता है हरवर्ड साइमन के अनुसार यह परिभाषा दी गई है

संविधान तीन आधारों पर बांटा गया है जिसमें पहला नम्यता के आधार पर दूसरा लिखित या अलिखित  तथा तीसरा है लचीलापन के आधार पर  ।

  1. नम्यता  के आधार पर – संविधान दो प्रकार का होता है पहला नमनीय और दूसरा अनमनीय ।

नमनीय संविधान  –  नमनीय संविधान  ऐसे संविधान होते हैं जिसमें आसानी से संशोधन किया जाए  जैसे ब्रिटेन का संविधान ।

अनमनीय संविधान – अनमनीय यह ऐसा संविधान  है जिसमें आसानी से संशोधन नहीं किया जाए जैसे भारत का संविधान । 

 2. लिखित या अलिखित संविधान  –   लिखित और अलिखित संविधान  ऐसे संविधान  होते हैं जो विषय विशेषज्ञ द्वारा लिपिबद्ध तरीके से व्यक्त किया जाए जैसे अमेरिका का संविधान  ।  जिसमें पहला लिखित संविधान अमेरिका का था और दूसरा भारत का संविधान ।

अलिखित संविधान –  संविधान जो प्रथा परंपराओं के आधार पर व्यक्त किया जाता है वह अलिखित संविधान जैसे विश्व का पहला अलिखित संविधान ब्रिटेन का । 

3. संविधान लचीलापन के आधार पर  –  संविधान लचीलापन के आधार परमुझे ऐसा संविधान है जो संकट के समय में आसानी से सामान्य बहुमत के आधार पर संशोधित कर लिया जाता है जैसे ब्रिटेन का संविधान । लचीला संविधान। यह ऐसा संविधान है जो संकट के समय में भी आसानी से संशोधन नहीं किया जा सकता जैसे भारत का संविधान।

 

भारत का संविधान :प्रस्ताव सभा से उसके निर्णय जानने के उद्देश्य से किसी सदस्य द्वारा सदन में प्रस्तुत कोई औपचारिक विचार । यह प्रस्ताव तीन प्रकार के होते  है 

1. एक मूल प्रस्ताव 2. स्थानापन्न और 3. गॉड प्रस्ताव ।

जब यह प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों लोकसभा व राज्यसभा में पास हो जाते हैं तो यह विधेयक या बिल कहलाते हैं। जब इन बिलों पर राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर कर देता है तो यह अधिनियम या एक्ट बन जाते हैं। विभिन्न अधिनियम संशोधन प्रशासनिक परंपराएं न्यायालयीन आदेश का सम्मिश्रण एक संविधान होता है इसी प्रकार भारत के संविधान का निर्माण किया गया है ।

भारतीय संविधान का इतिहास :- समय भारतीय संविधान के निर्माण की मांग सबसे पहले 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले ही अधिवेशन में उठाई गई और गांधी जी ने 1932 अपनी एक स्टेटमेंट में कहा कि भारतीय संविधान भारतीयों की इच्छा अनुसार ही होगा  । सन 1895 में बाल गंगाधर तिलक ने भी संविधान के निर्माण की मांग उठाई थी। सन 1924 में भी मोतीलाल नेहरू ने भी यह कहा था।

प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान का इटालियन शैली में हस्तलिखित लेखन किया था जबकि हिंदी लेखन बसंत कृष्ण वैद्य द्वारा किया व चित्र लेखन चित्र करना नंदलाल बोस के द्वारा किया गया ।

 

भारतीय संविधान का इतिहास

भारत का संविधान

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