भारतीय संविधान के अनुच्छेद – 16 से 32 तक 

Hello Friends ,

Today we are going to tell you  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 से 32 तक  FRIENDS READ AND SHARE IT THIS IF YOU LIKE भारतीय संविधान के अनुच्छेद – 16 से 32 तक 

 

 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 से 32 तक 

अनुच्छेद 16- 

अनुच्छेद 16 :- भारत में प्रत्येक नागरिक को सार्वजनिक सेवाओं में नौकरी प्राप्त करने का अवसर दिया जाएगा ।

अनुच्छेद 16 ( 4) – सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग (एससी एसटी ओबीसी ईडब्ल्यूएस) को सरकार की नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान किया जाता है तो इसे अनुच्छेद 16 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।                  

अनुच्छेद 16 (4 अ)  – यदि एससी एसटी वर्ग के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण दिया जाता है तो इसे अनुच्छेद 16 का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।       

नोट:- 77 वे संविधान संशोधन 1995 द्वारा लागू।                    

अनुच्छेद 17- भारत में निवासरत प्रत्येक व्यक्ति के प्रति कोई अस्पृश्यता का  आचरण नहीं किया जाएगा।                        नोट:- एससी एसटी एक्ट 99 सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। 

अनुच्छेद 18 :-  सेना और शिक्षा को छोड़कर और किसी भी क्षेत्र में कोई उपाधि किसी भी व्यक्ति/ नागरिक को प्रदान नहीं की जाएगी।                   

अनुच्छेद 19:- भारत में निवासरत प्रत्येक नागरिक को छह प्रकार की स्वतंत्रता दी गई है-

१.    वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता  ।

२. शांतिपूर्ण सभा या आंदोलन करने की स्वतंत्रता।

३. कहीं पर भी घूमने की स्वतंत्रता।

४. कहीं पर जाने की स्वतंत्रता।

५. कहीं पर भी रहने की स्वतंत्रता।   

६. संपत्ति का मौलिक अधिकार ( 44 वें संविधान संशोधन के द्वारा विलोपित  )  ।  

७. कोई भी व्यवसाय करने की स्वतंत्रता।   

 अनुच्छेद 20 :-  प्राण व देहिक स्वतंत्रता    । भारत में निवास रत प्रत्येक व्यक्ति को विधि द्वारा विहित प्रक्रिया को छोड़कर अन्य किसी भी प्रक्रिया से दंडित नहीं किया जा सकता इसके अंतर्गत निम्नलिखित तथ्यों को शामिल किया गया है १. पुलिस के विरुद्ध अधिकार। २. इच्छा मृत्यु का अधिकार (अरूणा शानबाग मामला)  ।३. समुचित पर्यावरण का अधिकार। ४. गोपनीयता का अधिकार। ५. अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार। ६. अन्य अधिकार जो समय-समय पर विहित किए जाये ।                

अनुच्छेद 21 :- अपराधों की दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण – किसी भी व्यक्ति को तब तक सजा नहीं दी जा सकती जब तक कि उसमें किसी कानून का उल्लंघन ना किया हो। अनुच्छेद 21a- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को खदानों कारखानों खतरनाक स्थानों पर श्रम करवाने हेतु पूर्णता निश्चित किया गया है ( 86 वा संविधान संशोधन 2002 द्वारा जोड़ा गया ) ।            

अनुच्छेद 22 :- निवारक निरोध संरक्षण :- गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को ( शत्रु देश के नागरिक को छोड़कर) 24 घंटे के अंदर निकटतम दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।        

अनुच्छेद 23 :- मानवीय श्रम के दूर व्यापार एवं ब्लात श्रम को। पूर्णता निषेध  किया गया है।             

नोट :- लेकिन सरकार द्वारा घोषित की गई सेवाओं को इसके अंतर्गत शामिल नहीं किया जाएगा। परंतु सरकार के द्वारा इस प्रकार की सेवाओं में कोई भी भेदभाव पूर्ण व्यवहार नहीं किया जाएगा।                                    

अनुच्छेद 24 :-   0 – 6 वर्ष तक के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था राज्य द्वारा निशुल्क की जाएगी।

अनुच्छेद 25 – भारत में प्रत्येक व्यक्ति को लोकाचार और सदाचार के नियम रहते हुए मन की स्वतंत्रता के अनुरूप किसी भी धर्म को मानने उसका प्रचार  प्रसार करने की पूर्ण स्वतंत्रता होगी।           

नोट :- धार्मिक संप्रदाय के अंतर्गत हिंदू बौद्ध जैन लिंगायत लिंगायत वीर शैव  वह अन्य संप्रदाय को सम्मिलित किया जाएगा ।   

अनुच्छेद 25 ए –  कृपाण धारण करना सिख धर्म का अंग माना गया है।                

अनुच्छेद 26 :- प्रत्येक धार्मिक संस्थान को अपना प्रचार प्रसार करने के लिए संपत्ति सजित करने का अधिकार होता है।                 

अनुच्छेद 27 :-  किसी भी व्यक्ति को ऐसा कर देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता जो किसी धार्मिक कार्य में खर्च होता हो।        

अनुच्छेद 28 :- राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में किसी भी व्यक्ति को धार्मिक शिक्षा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।        

अनुच्छेद 29:- ऐसे लोग भाषाई या धार्मिक अल्पसंख्यक हैं उन्हें अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने का अधिकार प्राप्त होगा।

अनुच्छेद 30 :- ऐसे अल्पसंख्यकों को शिक्षण संस्थान खोलने का भी अधिकार प्राप्त होगा।  उदाहरण – जैसे मदरसे आर्य समाज स्कूल चर्च (शिक्षण संस्थान) ।             

अनुच्छेद 31:- संपत्ति का मौलिक अधिकार ( 44 वें संविधान संशोधन 1978 के द्वारा अनुच्छेद 301 में प्रतिस्थापित वर्तमान में यह एक कानूनी अधिकार है ) ।    

  

अनुच्छेद 32:- इसमें सुप्रीम कोर्ट को और अनुच्छेद 226 में हाईकोर्ट को मानव अधिकारों के हनन के संबंध में केंद्र और राज्य सरकार को 5 प्रकार की  RIT जारी करने का अधिकार होगा .

नंबर 1 –  बंदी प्रत्यक्षीकरण      

नंबर दो – परमादेश     

नंबर 3- प्रतिषेध या निषेधाज्ञा  

नंबर 4 – उत्प्रेषण । 

नंबर 5- अधिकार परीक्षा।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद – 16 से 32 तक 

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 से 32 तक 

MP PSC SCORE CARD DOWNLOAD