भारतीय संविधान की व्याख्या

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भारतीय संविधान की व्याख्या  

Part -5

भाग – 1

अनुच्छेद 1 से 4  तक

अनुच्छेद 1 –  भारत बजाज राज्यों की राज्यों के समूह के, राज्यों का संघ कहलायेगा । इसमें उन सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को सम्मिलित किया जाएगा जो अनुसूची प्रथम में निर्दिष्ट हैं।

अनुच्छेद -2 :- संसद यदि चाहे तो अधिनियम के माध्यम से नए राज्यों का गठन कर सकती है ।

अनुच्छेद 3 – नए राज्यों का गठन वर्तमान राज्यों की नाम  क्षेत्रफल एवं सीमा मैं परिवर्तन करके किया जा सकता है या अन्य किसी राज्य को भी या अन्य किसी क्षेत्र को भी भारत अपने गणराज्य में सम्मिलित कर सकता है (1961 गोवा ऑपरेशन विजय) ।

अनुच्छेद -4 – अनुच्छेद दो और तीन के तहत किए गए संशोधन अनुच्छेद 368 के तहत किए गए संशोधन नहीं माने जाएंगे। इसके उपरांत अनुसूची प्रथम और चतुर्थ में संशोधन करना अनिवार्य होगा।

भाग 2

अनुच्छेद 5 से 11  तक :

नागरिकता अधिनियम 1955 :-

भारत में निवास करने वाला कोई भी व्यक्ति  निम्नलिखित तरीकों से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है –

१. उसका जन्म भारत में हुआ वह।

२. उसके माता-पिता में से किसी एक का जन्म भारत में हुआ हो।

३. वह संविधान लागू होने के 5 वर्ष पहले सेभारत में रह रहा हो।

४. वह किसी ऐसे क्षेत्र का निवासी हो जिसे भारत में अपने गणराज्य में सम्मिलित कर लिया हो।

५. पंजीयन के माध्यम से भी कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम 1986 :-  

1986 में लाए गए इस संशोधन के माध्यम से 1955 के अधिनियम में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए –

१. भारत में जन्मे किसी भी व्यक्ति या बच्चे को भारतीय नागरिकता प्रदान नहीं की जाएगी जब तक उसने छह माह भारत में निवास ना किया हो वर्तमान में यह अवधि 5 वर्ष है।

२. कोई विदेशी व्यक्ति यदि भारत का नागरिक बनना चाहता है तो उसे 10 वर्ष तक भारत में सफलतापूर्वक निवास करने का प्रमाण पत्र देना होगा।

३. पहली भारतीय विवाहित किसी विदेशी महिला को ही भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त था परंतु अब ऐसा नहीं है।

अनुच्छेद 9

यदि कोई देश भारत के शत्रु देश की नागरिकता प्राप्त करता है तो उसकी भारत की नागरिकता को समाप्त कर दिया जाएगा।

अनुच्छेद 11

संसद यदि चाहे तो नागरिकता के संबंध में कानून बना सकती है।

CAB  (citizenship amendment Bill ):-

2019  में बांग्लादेश अफगानिस्तान पाकिस्तान में रह रहे हिंदू  सिख ईसाई पारसी जैन  अल्पसंख्यकों को भारत में निवास करने की घोषणा की अधिनियम के बाद यह cab से  CAA  बन गया।

NRC  (नॉन रजिस्ट्रेंट सिटीजन ):-

असम में घुस चुके प्रवासियों ( बांग्लादेश म्यांमार) की रोकथाम हेतु इसे लाया गया इसमें भारतीयों के 15 बायोमेट्रिक आंकड़े दर्ज किए जाएंगे ताकि अवैध प्रवासियों की रोकथाम हो सके इसका उपयोग 2022 की जनगणना के लिए किया जाएगा।

भारतीय संविधान की व्याख्या

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